रे की रचनात्मकता प्रकृति और पोषण का मेल थी। उनकी प्रेरणा रवींद्रनाथ टैगोर से लेकर उनके शिक्षकों नंदलाल बोस और बेनोदे बे तक थी
मानवता और राय

रे की रचनात्मकता प्रकृति और पोषण का मेल थी। उनकी प्रेरणा रवींद्रनाथ टैगोर से लेकर उनके शिक्षकों नंदलाल बोस और बेनोदे बे तक थी