Sarso Tel Ka Taza Bhav: औंधे मुंह गिरे दाम, एक लीटर पे ₹65 का लाभ

प्रयोग किए जाने वाले वस्तुओं में कुछ ऐसी मूलभूत वस्तुएं भी शामिल होती है, जो इतने ज्यादा मूलभूत होते हैं, कि प्रत्येक व्यक्ति के घर में मौजूद होते हैं, जैसे कि खाने बनाने में प्रयोग किया जाने वाला तेल.

प्रत्येक व्यक्ति के घर में ऐसी बहुत सारी सामग्रियां मौजूद होती है, जो सामान्य रूप से प्रत्येक व्यक्ति के घर पर मौजूद होती है. हालांकि उनमें थोड़ी सी विभिन्नता भी हो सकती है, लेकिन इसकी उपस्थिति प्रत्येक व्यक्ति के घर में होती है.

सरसों तेल का प्रयोग 

यदि बात की जाए सरसों तेल की तो इसका मुख्य रूप से प्रयोग घरों में खाना बनाने हेतु किया जाता है.

लेकिन कुछ लोग इसका प्रयोग अन्य कार्यों में भी करते हैं, जैसे कि इसका प्रयोग बालों में किया जाता है या फिर इस तेल के जरिए ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों की मालिश भी की जाती है.

प्रत्येक व्यक्ति अपने आवश्यकता तथा इच्छा अनुसार इसका प्रयोग करता है, आपको बता दें कि सरसों तेल तिलहन फसल सरसों से प्राप्त होता है. यह सरसों के बीज आकार में बहुत ही छोटे और गोल आकृति के होते हैं.

इसके साथ ही साथ इनके पौधों को बड़ा होने में ज्यादा समय नहीं लगता है. एक बार जब सरसों के पौधे बड़े हो जाते हैं, तो सरसों के बीज पकने लगते हैं, उसके पश्चात इन पौधों को काट लिया जाता है.

प्रत्येक व्यक्ति के घर में होते हैं

सभी लोगों के घर में कुछ ना कुछ मूलभूत आवश्यकताओं की वस्तुएं उपलब्ध होती है, जैसे कि गर्मियों से बचने के लिए पंखे और सर्दियों से बचने के लिए चादर तथा कंबल.

इन मूलभूत आवश्यकताओं में बहुत सारी सामग्रियां आती है. किंतु यदि मुख्य रूप से देखा जाए तो यह एक सीमित संख्या में सीमित हो जाती है. इन्हीं मूलभूत आवश्यकताओं की वस्तुओं में एक सरसों का तेल भी है.

हमारे देश में शायद ही ऐसा कोई घर होगा जहां पर सरसों का तेल का प्रयोग नहीं होता होगा. इसका प्रयोग बहुत बड़े स्तर पर किया जाता है, कुछ खास व्यंजनों में तो खास करके सरसों तेल का प्रयोग किया जाता है जिससे कि स्वाद में वृद्धि आ सके.

देश की महंगाई

देशभर में महंगाई इन दिनों चरम पर जा पहुंची है. उसके चलते हर किसी का बजट बिगड़ता ही चला जा रहा है. इस महंगाई का आलम तो यह है कि खुदरा मार्केट से लेकर के सर्राफा बाजार तक के दाम बेलगाम हो चुके हैं.

फिर भी अब आप सरसों के तेल की खरीदारी करना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए निसंदेह रूप से बड़े काम की सिद्ध होने वाली है. सरसों का तेल प्रत्येक घर के लिए कितना ज्यादा आवश्यक है यह तो हमने बता ही दिया है.

कितने में मिल रहा है?

सरसों का तेल अपने उच्चतम स्तर से लगभग लगभग ₹65 प्रति लीटर सस्ते में बेचा जा रहा है. आप अब तेल की खरीदारी करते हैं, तो यह आपके लिए बहुत ही ज्यादा सुनहरा अवसर सिद्ध हो सकता है. इसका फायदा उठाकर के आप अच्छी खासी पैसों की बचत कर सकते हैं.

आबादी के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के बहुत सारे जिलों में सरसों का तेल ₹155 प्रति लीटर के हिसाब से बेचा जा रहा है. प्राप्त जानकारियों के अनुसार यदि आपने सरसों का तेल नहीं खरीदा तो फिर आपको पछताना पड़ सकता है.

क्योंकि आने वाले कुछ दिनों में ही बढ़ती इस महंगाई का प्रभाव सरसों के तेल के दामों पर भी प्रत्यक्ष रूप से देखा जाएगा. आशय यह है कि कुछ दिनों के पश्चात इसके मूल्य में भी वृद्धि आ जाएगी.

क्या चल रहा है रेट?

यूपी के जिला गाजियाबाद में इन दिनों सरसों का तेल सस्ता बेचा जा रहा है, इसकी कीमत में गिरावट के साथ ही साथ यहां पर ग्राहकों की भीड़ भी खूब उमड़ आई है.

आप गाजियाबाद में आराम से ₹145 प्रति लीटर में तेल की खरीदारी कर सकते हैं, दाम कम देख लोग बहुत ज्यादा प्रसन्न हो चुके हैं.

यदि बात की जाए प्रदेश की राजधानी लखनऊ की तो यहां पर सरसों तेल के भाव में बड़ी गिरावट देखी गई है.

सरसों का तेल ₹153 प्रति लीटर बेचा जा रहा है, यदि आपके घर में भी सरसों तेल का प्रयोग बहुत ही ज्यादा होता है. तो आपके लिए यह सबसे ज्यादा शुभ अवसर सिद्ध हो सकता है.

यदि इस समय में आप सरसों तेल की खरीदारी करते हैं तो फिर आप बहुत ज्यादा सस्ते में सरसों तेल को खरीद सकते हैं. अन्यथा कुछ दिनों के पश्चात इसके मूल्य में वृद्धि आएगी.

इन शहरों में जाने क्या है सरसों तेल का रेट?

उत्तर प्रदेश के जिला बुलंदशहर में सरसों तेल की कीमत ₹144 प्रति लीटर के हिसाब से चल रही है. जिसे खरीदने के लिए लोगों की भीड़ दुकानों के बाहर साफ तौर से देखी जा सकती है.

वही दूसरे और शादियों के सीजन के परिणाम स्वरूप भी भीड़ उमड़ती चली जा रही है. 24 नवंबर को बुलंदशहर में सरसों तेल का रेट ₹142 प्रति लीटर के हिसाब से देखा गया था.

इसके 1 सप्ताह पूर्व 16 नवंबर को सरसों का तेल का रेट मुजफ्फरनगर में ₹142 प्रति लीटर के हिसाब से दर्ज किया हुआ पाया गया था.

सरसों की खेती

अब जाहिर सी बात है जिस चीज की सबसे ज्यादा खपत होगी उसके उत्पादन को भी प्राथमिकता देनी होगी. हमारे देश में सरसों की खेती बहुत बड़े स्तर पर की जाती है, जिससे कि अधिक से अधिक सरसों का तेल उत्पादित किया जा सके.

सरसों की खेती करना अन्य फलों की तुलना में थोड़ा सा सरल होता है, क्योंकि इसमें खेतों की जुताई के पश्चात सरसों के बीजों को खेत में बिखेर दिया जाता है, और समय-समय पर सिंचाई की जाती है. उसके बाद धीरे-धीरे सरसों के पौधे उगने लगते हैं.

और बहुत ही ज्यादा कम समय में यह पौधे बड़े भी हो जाते हैं और इनमें सरसों के बीज भी आने लगते हैं. सरसों के बीज के पक जाने के पश्चात इन पौधों को काट लिया जाता है, और इससे सरसों के बीज को अलग कर दिया जाता है.

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आप सभी लोगों के समक्ष सरसों तेल के नए मूल्य के विषय में सारी आवश्यक जानकारी है उल्लेखित की है, हमें आशा है कि हमारे द्वारा उपलब्ध कराई गई यह सभी जानकारी आपको बहुत ही ज्यादा पसंद आई होगी.

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