Milk Rate: 50 गुना ज्यादा रेट पर बिक रहा इस पशु का दूध, ₹3000 तक कीमत

दूध स्वास्थ्य के लिए कितना ज्यादा लाभकारी होता है? इस बारे में तो सभी जानते ही हैं. दूध के एक इसी खासियत के चलते इसका उपयोग रोजाना लगभग प्रत्येक व्यक्ति के घर में किया जाता है.

आज के इस पोस्ट में हम आप सभी लोगों के समक्ष दूध के विषय में कुछ ऐसी ही रोचक जानकारियां प्रदान करने वाले हैं. जो कि आपको सोचने पर मजबूर कर देगी.

पिछले कुछ सालों का रिकॉर्ड

पिछले कुछ सालों में पशुपालन तथा डेयरी व्यवसाय बहुत ही ज्यादा विस्तृत होता नजर आ रहा है. ऐसे में आज हम आपको स्वयं की इस पोस्ट के जरिए कुछ ऐसी जानकारियां भी प्रदान करने वाले हैं.

जिससे आपको इस बात का अनुमान हो जाएगा कि आखिर ऐसा कौन सा पशु है? जिसके दूध का मूल्य गाय, भैंस के मूल्य से 50 गुना अधिक है. इसकी खरीदारी हेतु ₹3000 तक का भुगतान करना पड़ता है.

जहां एक और इस पशु का दूध इतना अधिक मूल्य में बेचा जा रहा है. वहां पर ही यह लोगों को एक अन्य आमदनी का स्रोत उपलब्ध करा रहा है. जो की दोगुनी आय का कारण बन रही है.

युवाओं में पशुपालन की और आकर्षण

वहीं यदि आजकल के युवाओं में यदि गौर किया जाए, तो वह भी अब नौकरी के पीछे भागने छोड़ के अब पशुपालन में स्वयं का हाथ आजमाना चाहते हैं.

आपको हम इस बात से भी अवगत करवा दे कि राजस्थान राज्य में गाय, भैंस तथा बकरी के साथ साथ यहां पर ऊंट पालने का भी प्रचलन काफी ज्यादा बढ़ा  देखने को मिल रहा है.

पशुपालन से होने वाले लाभ ने प्रत्येक व्यक्ति को अपनी और आकर्षित कर दिया है. इसमें मुख्य रूप से युवा सम्मिलित है लोगों के द्वारा धीरे-धीरे पशुपालन की ओर रुख किया जा रहा है. जिसमें वह मुख्य रूप से गाय, भैंस, बैल, बकरी इत्यादि पशुओं का पालन करने के विषय में विचार कर रहे हैं.

ऊंट रखने के फायदे  

ऊंट रखने के कुछ फायदे भी होते हैं, अर्थात इसे गर्मी के मौसम में अधिक देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है. व्यापार में प्रयोग किए जाने वाले ऊंट की खुराक में केवल और केवल हरा चारा, पत्तियां तथा पानी ही सम्मिलित होते हैं.

वहीं यदि बात की जाए ऊंटनी की तो इसके दूध में इतना अधिक पोषण होता है, कि इसकी डिमांड कई देशों में भी होती है. जिसके परिणाम स्वरुप ऊंट का पालन करने वाले लोगों को अधिक मुनाफा प्राप्त होता है.

हमारे देश की सरकार भी ऊंटनी के दूध के प्रसंस्करण और मार्केटिंग को लेकर के काफी ज्यादा क्रियाशील रहती है. ऐसे में ऊंटनी का दूध उत्पादन मुनाफे का सौदा ही सिद्ध होने वाला है.

30 गुना महंगा है ऊंटनी का दूध

हमारे देश भारत में ऊंटनी की संख्या निसंदेह रूप से गाय, भैंस जैसे दुधारू पशुओं की तुलना में काफी ज्यादा कम है. किंतु दुनिया भर में इसके दुध की काफी ज्यादा मांग होती रहती है.

प्राप्त आंकड़ों की यदि माने तो ऊंटनी का दूध सिर्फ 1 लीटर यदि कोई व्यक्ति खरीदता है, तो उसे ₹2000 से लेकर के ₹2500 के हिसाब से भुगतान करना पड़ता है.

यह इसलिए भी इतना महंगा है, क्योंकि दूध उत्पादन के उद्देश्य से उसकी देखभाल नहीं की जाती है और उसके अनुरूप ही इन्हें दाना पानी चाहिए होता है. जो कि अधिक खर्च का कारण बनता है.

कितना दूध देती है ऊंटनी

जहां एक और गाय 1 दिन में 50 लीटर तक का दूध दे देती है. वही यदि ऊंटनी की बात की जाए तो यह केवल 7 लीटर से लेकर के 8 लीटर तक का दूध ही दे सकती है.

सर्वप्रथम तो ऊंटनी इतना कम दूध उत्पादित करती है, इसके अतिरिक्त इसकी इतनी ज्यादा डिमांड होती है डिमांड अधिक होने से तथा उत्पादन कम होने के परिणाम स्वरुप इसके मूल्यों में इतनी ज्यादा वृद्धि देखने को मिल सकती है.

इसी वजह से उत्पादन के माध्यम से अच्छा खासा मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है. राजस्थान सरकार उत्पादन के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है.

ऊंट पालन के लिए सरकार की सहायता

प्राप्त आंकड़ों की यदि माने तो फिर ऊंट की कई प्रजातियां आज लुप्त होने के कगार पर आ पहुंची है. इस वजह से सरकार इसके संरक्षण के लिए बहुत सारी योजनाओं पर कार्य कर रही है.

इसमें नियम और कानून में सख्ती के साथ ही साथ आर्थिक सहायता का भी प्रदान करने का प्रावधान रखा गया है. जिससे कि लोगों को ऊंट पालन हेतु और भी ज्यादा प्रोत्साहित किया जा सके.

एक और जहां पर सरकार की ओर से इतने अधिक सहायता की प्राप्ति हो रही है. इसके साथ ही साथ यह मुनाफे वाला बिजनेस भी है, तो फिर ऐसे में बहुत सारे लोग सामने आ रहे हैं. जो कि इस व्यवसाय में स्वयं की किस्मत आजमाना चाहते हैं.

सरकार ने इस क्षेत्र में क्या किया?

सरकार ने दूसरे राज्यों में ऊंट के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. जिससे कि इन्हें संरक्षित करने में सहायता प्रदान की जा सके.१

केंद्र तथा राज्य सरकार के द्वारा उत्पादन को वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान भी जारी किया जा रहा है. जिससे कि उसके डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा सकेगा.

ऊंट पालन के लिए सरकार के द्वारा जागरूकता अभियान को भी चलाया जा रहा है. जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोग ऊंट पालन के व्यवसाय से जुड़ सकें.

राजस्थान में तो ऊंट पालन करने के लिए सरकार पशुपालन विभाग रजिस्टर करवाना भी अनिवार्य हो चुका है. जिससे सरकार को ऊंट की जानकारी प्राप्त हो सके.

राजस्थान सरकार के द्वारा ऊंटनी पालन के लिए रजिस्टर करवाने पर ₹3000 की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान कि जाती है.

व्यक्ति को दूसरी प्रोत्साहन धनराशि उठने के ब्यांत के 1 महीने के पश्चात दी जाती है. जो कि ₹3000 की होती है. 3000 धनराशि मिलने के पश्चात ₹4000 की धनराशि बच्चे के 9 महीने होने के पश्चात प्रदान कर दी जाती है.

सरकार केवल यही तक नहीं रुकी है, सरकार ने राजस्थान ऊंट बिल भी पारित कर दिया है. जिसके अंतर्गत ऊंट-ऊंटनी का बीमा भी करवाना अनिवार्य कर दिया गया है.

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आप सभी लोगों के समक्ष ऊंटनी के दूध से संबंधित सारी आवश्यक जानकारियां उपलब्ध करवाई है. हमें आशा है कि आपको इस व्यवसाय के विषय में अधिक से अधिक जानकारी की प्राप्ति आज के हमारे इस पोस्ट के जरिए हो पाई होगी.

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