सहारा रिफंड पोर्टल: सहारा के निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना आई है। सहारा रिफंड पोर्टल अब ₹19,999 तक के क्लेम के लिए पुनः सबमिशन स्वीकार कर रहा है। मोदी सरकार ने यह घोषणा की है कि सभी निवेशकों को जल्द से जल्द भुगतान किया जाएगा। जो लोग पहले ही क्लेम कर चुके हैं और उनके क्लेम में कोई कमी या पेमेंट फेल होने की सूचना मिली है, वे कृपया पुनः सबमिशन पोर्टल (https://mocresubmit.crcs.gov.in/resubmission/#/home) पर आवश्यक कार्रवाई करें।
कितना पैसा फंसा है सहारा में?
सहारा समूह के निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए मोदी सरकार ने 5000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। पोर्टल के जरिए निवेशकों ने सहारा की सहकारी समितियों में फंसे 80,000 करोड़ रुपये वापस लेने की मांग की है। सहारा समूह में कुल 9.88 करोड़ निवेशकों के 86,673 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। सरकार ने बताया है कि 1.13 करोड़ निवेशक ऐसे हैं जिन्होंने 5000 रुपये से कम की रकम जमा की है, जिनके लिए कुल 2793 करोड़ रुपये की जरूरत है।
सरकार की प्रतिक्रिया और सुप्रीम कोर्ट की भूमिका
सरकार ने राज्य सभा में बताया कि सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से और अधिक धनराशि पाने की योजना बनाई है। सरकार ने निवेशकों के लिए एक पोर्टल लॉन्च किया है जहां वे अपने फंसे पैसे के लिए आवेदन कर सकते हैं। अब तक तीन करोड़ निवेशकों ने 80,000 करोड़ रुपये वापस पाने के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है। सरकार का दावा है कि 45 दिनों के भीतर निवेशकों को पैसा लौटाने की प्रक्रिया शुरू की गई है और उन्हें 5000 करोड़ रुपये मिल चुके हैं।
निवेशकों का पैसा लौटाने का वादा
बीएल वर्मा ने बताया कि सरकार सहारा समूह से अधिक धनराशि प्राप्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय जाएगी और सहारा समूह के निवेशकों का एक-एक पैसा लौटाया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि पोर्टल पर प्रक्रिया से गुजरने वाले सभी निवेशकों को उनका पैसा वापस मिलेगा।
कोर्ट का आदेश और वर्तमान स्थिति
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह और सीटी रविकुमार की पीठ ने नौ महीने के भीतर निवेशकों के पैसे लौटाने का आदेश दिया था। 5000 करोड़ रुपये की धनराशि सेबी-सहारा खाते से सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटी को ट्रांसफर की गई है। सेबी-सहारा रिफंड खाते में तकरीबन 24.5 हजार करोड़ रुपये हैं।
सेबी-सहारा रिफंड खाता
सेबी-सहारा रिफंड बैंक खाता अगस्त 2012 में खोला गया था जब सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की दो प्रमुख फर्मों को निवेशकों के पैसे लौटाने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद सहारा ने 15,000 करोड़ रुपये की धनराशि से ज्यादा इस खाते में जमा कराई, जो ब्याज के साथ बढ़कर 24,000 करोड़ रुपये हो चुकी है। दिसंबर 2022 तक इस खाते से केवल 133 करोड़ रुपये का ही रिफंड किया जा सका है।
आगे की राह
अगर सुप्रीम कोर्ट पैसे देने का आदेश देती है, तो सहारा के कुछ निवेशकों को राहत मिल सकती है। लेकिन दावेदारों की संख्या और रकम को देखते हुए 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले पैसा मिलना मुश्किल नजर आ रहा है।
निष्कर्ष
सहारा के निवेशकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है। सरकार और सुप्रीम कोर्ट की पहल से निवेशकों को उनका पैसा वापस मिलने की उम्मीद बंधी है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सहारा रिफंड पोर्टल पर दिए गए निर्देशों का पालन करें और पुनः सबमिशन प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करें।
इस प्रकार, सहारा के निवेशकों के लिए यह जानना जरूरी है कि उनकी धनराशि की वापसी के लिए सरकार और न्यायपालिका लगातार प्रयासरत हैं। समय पर सही कदम उठाकर वे अपने फंसे हुए पैसे को वापस पा सकते हैं।