सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद संकटग्रस्त सहारा समूह की बहु-राज्य सहकारी समितियों में निवेश करने वाले जमाकर्ताओं को पैसे लौटाने की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से 18 जुलाई, 2023 को CRCS-सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया गया। इस पोर्टल का उद्देश्य सहारा समूह के जमाकर्ताओं को उनके निवेश की वापसी सुनिश्चित करना है।
केंद्रीय सरकार की पहल
केंद्र सरकार ने CRCS-सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए सहारा समूह की सहकारी समितियों के 4.29 लाख से अधिक जमाकर्ताओं को लगभग 370 करोड़ रुपये जारी किए हैं। यह पहल सरकार की ओर से जमाकर्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए की गई है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और उसकी अनुपालन
सुप्रीम कोर्ट ने 29 मार्च, 2023 के अपने आदेश में संकटग्रस्त सहारा समूह की बहु-राज्य सहकारी समितियों को 31 दिसंबर, 2024 तक जमाकर्ताओं के पैसे लौटाने के निर्देश दिए थे। इस आदेश के बाद, 19 मई, 2023 को सेबी-सहारा रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार (CRCS) को हस्तांतरित किए गए।
रिफंड प्रक्रिया की देखरेख
जस्टिस आर सुभाष रेड्डी को डिजिटल संवितरण प्रक्रिया की देखरेख के लिए नियुक्त किया गया है। उनकी देखरेख में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जमाकर्ताओं को उनका पैसा सही समय पर और पारदर्शिता के साथ वापस किया जाए।
सहकारी समितियों की सूची
रिफंड प्रक्रिया के तहत शामिल सहकारी समितियाँ हैं:
- सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, लखनऊ
- सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, भोपाल
- हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, कोलकाता
- स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, हैदराबाद
वसूली गई राशि का पुनर्निवेश
सुप्रीम कोर्ट और सेबी के आदेशों के अनुसार, सहारा समूह से वसूली गई राशि को राष्ट्रीयकृत बैंकों में सावधि जमा में पुनर्निवेश किया जा रहा है। कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने बताया कि वसूल की गई कुल राशि, ब्याज सहित, 20,894 करोड़ रुपये है।
सेबी की भूमिका
सुप्रीम कोर्ट ने पहले सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) को सेबी को 25,781.37 करोड़ रुपये वापस करने का आदेश दिया था। 31 मार्च, 2024 तक सेबी ने सुप्रीम कोर्ट और अपने खुद के कुर्की आदेशों के ज़रिए 15,775.50 करोड़ रुपए वसूल किए हैं।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट के आदेश और CRCS-सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से सहारा जमाकर्ताओं को राहत मिल रही है। इस पहल से लाखों जमाकर्ताओं को उनके निवेशित पैसे वापस मिल रहे हैं, जिससे उनके विश्वास में वृद्धि हो रही है।