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सहारा की चार प्रमुख को-ऑपरेटिव सोसाइटीज: निवेशकों के लिए क्या जानना जरूरी है?

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भारत में सहारा इंडिया की 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटीज में निवेश करने वाले लगभग 10 करोड़ निवेशकों का फंसा हुआ पैसा वापस मिलने जा रहा है। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को दिल्ली में ‘सहारा रिफंड पोर्टल’ लॉन्च किया, जिससे निवेशकों को उनके पैसे की वापसी का रास्ता साफ हो गया है।

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रिफंड प्रक्रिया की शुरुआत और प्रमुख विशेषताएँ

इस रिफंड प्रक्रिया की शुरुआत 5,000 करोड़ रुपये और 4 करोड़ निवेशकों से की जा रही है। निवेशकों को 45 दिनों के भीतर पैसा उनके खाते में वापस मिलेगा। रिफंड पोर्टल के जरिए केवल सहारा की चार को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशक ही आवेदन कर सकते हैं। इस पहल के तहत बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के लोगों को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा।

कौन से निवेशक हैं रिफंड के योग्य?

जो निवेशक 22 मार्च 2022 से पहले पैसे जमा कर चुके हैं, वे तीन प्रमुख सोसाइटीज के तहत रिफंड के योग्य हैं। वहीं, स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हैदराबाद के निवेशक 29 मार्च 2023 से पहले के जमा की गई राशि के लिए आवेदन कर सकते हैं।

पहले चरण में केवल 10,000 रुपये तक का रिफंड

पहले चरण में, निवेशकों को 10,000 रुपये तक का रिफंड मिलेगा। इसका मतलब है कि यदि किसी निवेशक ने 20,000 रुपये जमा किए हैं, तो भी उन्हें पहले चरण में केवल 10,000 रुपये ही वापस मिलेंगे। लगभग 1.07 करोड़ निवेशक ऐसे हैं जिनका निवेश 10,000 रुपये या उससे कम है, और उन्हें पूरा पैसा वापस मिल जाएगा।

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सहारा ग्रुप की को-ऑपरेटिव सोसाइटीज: एक नजर

सहारा ग्रुप की चार प्रमुख सोसाइटीज साल 2010 से 2014 के बीच स्थापित की गई थीं। इन सोसाइटीज ने निवेशकों से 86,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जुटाई थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सहारा ग्रुप की 6 कंपनियों में 1.12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जमा थे, जिसमें से 3.08 करोड़ निवेशकों के 25,781.37 करोड़ रुपये सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) में जमा थे।

सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया

निवेशक रिफंड के लिए आवेदन करने से पहले कुछ आवश्यक दस्तावेजों को तैयार रखें। इनमें सदस्यता संख्या, जमा खाता संख्या, आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर, जमा प्रमाणपत्र/पासबुक, और यदि दावा राशि 50,000 रुपये या उससे अधिक है, तो ई-पैन कार्ड शामिल हैं। यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि सभी जमा की डिटेल्स एक ही दावा फॉर्म में देनी होगी।

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महत्वपूर्ण सवाल और उनके जवाब

  1. आवश्यक दस्तावेज़: निवेशकों को सदस्यता संख्या, जमा खाता संख्या, आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर और जमा प्रमाणपत्र/पासबुक रखना आवश्यक है।
  2. पैन कार्ड की अनिवार्यता: यदि दावा राशि 50,000 रुपये या उससे अधिक है, तो पैन कार्ड आवश्यक है।
  3. आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट: निवेशकों को अपने आधार से जुड़े मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट की आवश्यकता होगी।
  4. फॉर्म की स्थिति की जांच: आवेदन जमा करने के बाद, पोर्टल पर एक रसीद संख्या और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS प्राप्त होगा।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश और भविष्य की योजनाएं

मार्च 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं के बकाया भुगतान के लिए 5,000 करोड़ रुपये सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (CRCS) में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, पहले चरण के पूरा होने पर, सरकार सुप्रीम कोर्ट से अधिक फंड जारी करने की मांग करेगी, ताकि 10,000 रुपये से अधिक राशि वाले निवेशकों को भी उनका पूरा पैसा लौटाया जा सके।

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